सोमवार, 2 मार्च 2009

सुखराम: शर्ट रूप सुक्रम

सोमवार की सुबह पुस्तकालय में किताबों के बीच मुझे नागार्जुन रचनावली दिखी। इसके भाग-2 के पन्नों को पलटते वक्त मेरी नजर एक कविता पर टिक गई। यह कविता पी.वी. नरसिंहराव सरकार में केन्द्रीय संचार मंत्री रहे सुखराम पर लिखी गई है। 1996 ई. में लिखी गई इस कविता में सुखराम के बहाने सत्ता पर किए गए कटाक्ष को आप भी महसूस करें -

सुखराम: शर्ट रूप सुक्रम

अब तक कहां छिप थे

ये ‘भारत-रत्न’

हिमाचल में पैदा हुए...

पले-पुसे बड़े हुए

पी.वी. की गोद में

बैठे, 5 वर्ष तक मौज किया

संचार मंत्री रहे

पी.वी. ने प्यार से

पीठ सहलाई

अपने आप

जादुई तरीके से

नगदा-नगदी करोड़ों की रकम

लाॅकर में संचित

होती रही

3 करोड़ से ऊपर हो गई

परिवार की महिलाओं और

बाल-बच्चों के आभूषण...

हीरा-मोती-पन्ना-पुखराज

जड़ित गहने

और न जाने क्या-क्या

हिमाचल से बाहर, सुदूर

हैदराबाद(आंध्र) के बैंक के

अंदर लाॅकर से निकले हैं...



जय हो सुखराम की !

जय हो पी.वी. के

अंतरंग सखा की !!

मगर, दरअसल

‘सुखराम’ कोई एक

व्यक्ति नहीं गोत्र है-

पूरा का पूरा- पी.वी.

नरसिंह राव इस

गोत्र के बीज पुरुष हैं

राव अगर 5 वर्ष और

प्रधानमंत्री रह पाते तो

पट्ठा सुखराम

जाने क्या हो जाता !



सुखराम- शार्ट रूप

‘सुक्रम’ तब हो जाता

त्रिभुवनव्यापी-

‘इंटरकांटिनेंटल’

विश्व का महानगर

कोई शायद ही छूट पाता

सुक्रम की पचास -

पचपन मंजिली इमारतों से !

इयरबुक भर जाते

सुक्रम से ...


18 अगस्त 1996

4 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं.

एक निवेदन: कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देने में सहूलियत होगी.

बेनामी ने कहा…

हिंदी ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है।

एक निवेदन: कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देने में सहूलियत होगी.

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

narayan narayan

रचना गौड़ ’भारती’ ने कहा…

ब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है।
सुंदर रचना के लिए शुभकामनाएं।
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com