जब धरती पर उतरने की बारी आई तो मां पटना में थी। जन्म भले ही बिहार की राजधानी पटना में हुआ लेकिन बचपन गुजरा मिथिलांचल की अघोषित राजधानी दरभंगा में। बचपन से ही शांत और बेवजह बोलने से घबराता रहा। मोहल्ले का क्रिकेट कप्तान लेकिन घर में साहित्यिक माहौल रहने के कारण खेल में कम और पढ़ाई में ज्यादा घ्यान । अपनों से हमेशा ही संयमित जीवन जीने की शिक्षा मिली । ग्रेजुएशन अभी पूरा ही हुआ था कि भारत की राजधानी दिल्ली से बुलावा आ पहुंचा। दिल्ली आने की वजह बनी आईआईएमसी में दाखिला। फिलहाल पत्रकारों की मंडली का एक छोटा सिपाही... सूचना के समुद्र में गोते लगाने को तैयार...